सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सम्बन्धी मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी है। अभी तक राफेल पर विपक्ष ने जिस प्रकार मोदी सरकार को घेरा हुआ था तथा इसे चुनावी हथकंडा बनाया हुआ था उन सबको इस फैसले से करारा झटका मिला है। राफेल विमान बनाने वाली कम्पनी दसॉल्ट एविएशन ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रमोट किये गए मेक इन इंडिया को भारत में स्थापित करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। दसॉल्ट एविएशन ने कहा कि वे रिलायंस जॉइंट वेंचर और एक पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से भारत में सफल उत्पादन करेंगे। 23 सितम्बर 2016 को भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान सौदा हुआ था जिस पर विपक्ष द्वारा कई सवाल खड़े किए गए थे तथा इसके खिलाफ याचिका भी दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने पूर्ण सहमति से इस जांच सम्बन्धी याचिका को खारिज कर दिया है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे पर उठे सभी संदेहों को निराधार करार करते हुए कहा कि राफेल विमान हमारे देश की जरूरत है तथा ऑफसेट पार्टनर की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं बनता। किसी व्यक्ति के लिए निजी धारणा के आधार पर डिफेंस डील पर निशाना नहीं साधा जा सकता । उन्होंने यह भी कहा कि राफेल सौदे से जुड़े किसी भी मुद्दे जैसे दाम, प्रक्रिया या ऑफसेट पार्टनर से सुप्रीम कोर्ट को कोई आपत्ति नहीं है। कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। अब देखना है कि विपक्ष इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देता है, लेकिन हां अब भाजपा दुगने वेग से विपक्ष पर पलटवार अवश्य करेगी क्योंकि अब तक राफेल को लेकर कांग्रेस सदन से लेकर गलियों तक गूंजी थी जिसका नतीजा अभी हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला। अब कांग्रेस को अपनी साख बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।