नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संपन्न हुए राष्ट्रीय कैडेट कोर की रैली के वक्त कैडेट के युवाओं को संबोधन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर उसकी नापाक हरकतों को लेकर जमकर कटाक्ष किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान जैसे देश को हराने में उनकी सेना को कोई ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। महज 10 दिनों के भीतर उनकी सेना पाकिस्तान को खदेड़ने में समर्थ है। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को भारत की ताकत से अवगत कराते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया तो हमें मुंह तोड़ कार्रवाई करनी पड़ेगी।
भारत पाकिस्तान को तीन बार धूल चटा चुका है
इससे पहले भारत पाकिस्तान को युद्ध में तीन बार धूल चटा चुका है लेकिन फिर भी वह सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी करके अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पिछली केंद्रीय सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कि उन्होंने पाकिस्तान की इस चोरी छुपे हमले करने की पद्धति को मुख्य समस्या नहीं माना, जिससे पड़ोसी देश के हौसले और बुलंद हो गए। मोदी ने कहा कि अब जब भारतीय सेना कारवाई की बात करती है तो विपक्षी दल इसकी अनुमति प्रदान नहीं करते जो कि अपने आप में एक गंभीर समस्या बन रहा है।
पाकिस्तान सेना के विज्ञापन की बताई सच्चाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कैडेट कोर की रैली के दौरान पाकिस्तान की आर्मी के द्वारा सफाई कर्मचारी की नौकरी के विज्ञापन का जिक्र किया जिसमें पाकिस्तान की सेना ने यह छपवा रखा था कि इस भर्ती में केवल गैर मुसलमान लोग ही भाग ले सकते हैं। जिससे यह साफ झलकता है कि कि पाकिस्तान में मुस्लिम वर्ग के लोगों के अलावा दूसरे लोग सुरक्षित नहीं है। गैर मुस्लिम लोगों के साथ वहां जमकर शोषण किया जाता है। मोदी ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कहा कि हमने यह कानून इसीलिए तैयार किया कि इससे पूर्व एवं वर्तमान की राजनीति में सुधार किया जा सके।
मोदी ने कांग्रेस पर किया वार
प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के विपक्षी दल कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कि जब देश आजाद हुआ था तब कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस के नेता यह बताएं हिंदुस्तान देश का बंटवारा किसकी सलाह पर हुआ। आखिरकार इसके पीछे किसका निजी हित था। मोदी ने कहा की नागरिकता संशोधन बिल को लेकर चाहे लोग कितनी भी भ्रांतियां फैलाएं लेकिन सच में इसको लेकर देश को कोई हानि नहीं है और यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी खुद चाहते थे।