पांच राज्यों के घोषित चुनाव परिणामों ने भाजपा की तस्वीर को साफ कर दिया है। हर जगह कांग्रेस ने भाजपा का करारी शिकस्त दी है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ भाजपा के हाथ से निकल चुका है। मध्यप्रदेश के आंकड़े भी कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश करते नज़र आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के हिस्से 114 और भाजपा के हिस्से 109 सीटें आई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह जी ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।
मध्यप्रदेश में 4 सीटों पर निर्दलीय जीत हासिल कर चुके है। नवजोत सिंह सिद्धू जी ने तो एक बयान में कांग्रेस की जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर बांधकर उन्हें भावी प्रधानमंत्री भी घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी पिछली भूलों से सबक लेते हुए जनता के दिल में फिर से जगह बना ली है। तिलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और के. चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस भी बहुमत हासिल कर चुकी है। मिजोरम में शुरुआत से ही एमएनएफ आगे रही उसने विधानसभा की कुल 44 सीटों में से 26 सीटों पर अपनी जीत दर्ज करवाई। कुल मिलाकर जो नतीजे सामने आए उसमें कांग्रेस भाजपा को धूल चटाने में कामयाब रही।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनता के फैसले को स्वीकार किया। विधानसभा चुनावों का पूरा असर आने वाले आम चुनावों पर भी पड़ सकता है। अब भाजपा इस स्थिति से निपटने के लिए कौन सा रुख इख्तियार करेगी यह देखना बाकी है। तिलंगाना और मिजोरम दोनो ही जगह भाजपा और कांग्रेस दोनो मेँ से कोई भी बढ़त हासिल नहीं कर पाया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कहीं नजर नहीं आए। इन चुनाव परिणामों से यह बात तो साफ है कि केवल जीतना जरूरी नहीं जरूरी है उस ज विश्वास को बनाए रखना जिसके दम पर यह जीत आप तक पहुंचती है। अब 2019 में ऊँट किस करवट बैठेगा देखना बाकी है।