एक ऐतिहासिक दिन बना अयोध्या फैसला – पीएम मोदी

0
1392
Ayodhya-Faisla

 

देश के पी एम नरेंदर मोदी जी ने आज के आयोध्या फैसले को न्यायपालिका के इतिहास का स्वर्णिम दिन कह कर सम्बोधित करते हुए कहा कि अब देश निर्माण की बारी है और आज ही के दिन बर्लिन की दीवार गिरी थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के इस ऐहिताहिक फैसले से वह बेहद खुश हैं उन्होंने कहा, मैं अपने आप को धन्य महसूस करता हूं।

वर्षो तक चली क़ानूनी लड़ाई

संकेड़े वर्षों तक चली इस कानूनी लड़ाई के लिए लगातार 40 दिन तक बहस और सुनवाई के बाद आज रामलला विराजमान के लिए अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पक्ष में फैसला सुनाया। इस संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की टीम ने फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं और 5 एकड़ जमीन दिए जाने का फैसला भी साथ में सुना दिया और केंद्र सरकार को आदेश जारी किये कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए जो कि इसके निर्माण के लिए अहम् भूमिका निभाए और काम जल्दी से जल्दी निपटाया जा सके | इस तरह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

संकल्प हुआ पूरा – सीएम योगी आदित्यनाथ

सुप्रीम कोर्ट के रामलला विराजमान के फैसले के बाद हर तरफ ख़ुशी का माहौल था | उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ, महंत दिग्विजयनाथ और परमहंस रामचंद्र दास को याद करके अपनी ख़ुशी को इजहार किया | उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा हिंदुत्व की राष्ट्रवादी विचारधारा को अंगीकार किया है पूरी पृथ्वी हमारा परिवार है यहाँ सब सुखी हों सभी अच्छे रास्ते पर चले हैं। योगी जी ने लिखा है, कि ‘जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था तब से मैंने संकल्प लिया कि अयोध्या में विकास और विश्वास की फिर से गंगा बहेगी वर्षों से राजनीति के कारण सत्ता के लिए अछूत बनी अयोध्या की उपेक्षा की पीड़ा मेरे मन में बसी हुई थी | जिसके लिए मैंने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की शुरुआत की।’ आखिर सालों से चली इस न्याय प्रक्रिया का समापन हुआ है। अब हमें आगे ही आगे बढ़ते जाना है।

आज का दिन ऐतिहासिक – नरेंद्र मोदी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11 मिंट तक अपने विचार रखते हुए इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि आज के दिन भारत के लिए गर्व कि बात है |आज के दिन ही बर्लिन की दीवार गिराकर दो विचारधाराएं एक रास्ते पर आ गईं थीं और आज ही के दिन दिन करतारपुर कॉरिडोर का भी उद्घाटन हुआ जो कि अपने आप में बहुत महतवपूर्ण है | पीएम ने आमजन को सम्भोधित करते हुए कहा कि अब हर नागरिक पर नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी बढ़ गई है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है आज लोकतंत्र की जीत हुई है | कोर्ट के इस फैसले को हर वर्ग, हर समुदाय, हर पंथ और पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है इससे भारत की एकता , पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना साफ़ झलक रही है ।

सर्वसम्मति से अयोध्या का फैसला आना अपने में ख़ुशी की बात

भारत देश पुरातन से ही एकता, धर्म, सस्कृति, धार्मिक परंपराओं और सद्भाव सादगी के तौर पर विशव भर में प्रसिद्ध है जिसका उदहारण आज के इस सुप्रीम कोर्ट के फैसे के बाद भली भांति देखने को मिला है | सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों द्वारा सुनाये इस ऐतिहासिक फैसले के बाद हर किसी में चेहरे पर खुशी झलक रही थी | भारत के न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का दिन स्वर्णिम अध्याय की बन गया है | परिवार में छोटा मसला सुलझाने में भी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है फिर ये तो पुरे भारत देश के लिए फैसला था जो की सरल कार्य नहीं था इसके लिए देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्याय प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनंदन के अधिकारी हैं।

‘नए भारत की बढ़ी जिम्मेदारी’

भारत के प्रधानमंत्री ने कहा की 9 नवंबर के ये दो ऐतहासिक फैसले नए भारत के निर्माण का रास्ता बना रहे है | अब भारत के हर एक नागरिक को इस नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी निभानी होगी सुप्रीम कोर्ट का फैसला नया सवेरा लेकर आया है सभी को इस नए भारत के लिए आगे आना होगा। हमें अपने मन में सभी को साथ लेकर चलने का निश्चय करना है और कोई पीछे ना छूट जाये ये भी धयान रखना है | सब का साथ सब का विकास इस निति पर भारत निर्माण का काम करना है | सबका विश्वास हासिल करते हुए आगे ही बढ़ते जाना है।

हर एक नागरिक ने देश की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना, नियमों का सम्मान करना है। अब समाज के नाते हर भारतीय को अपने कर्तव्य को, अपने दायित्व को पूरा करना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here