लंदन (यू.के) आज सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता ने एक वक्तव्य में बताया कि जैसे-जैसे ‘चुनाव’ के दिन निकट आ रहे हैं मोदी-शाह की भाजपा के हाथ-पाँव फूलते साफ नजर आने लगे हैं| इस समय मोदी जी सहित पूरी की पूरी पार्टी ही झूठ, पाखंड, कपट और हेरा-फेरी जैसे अत्यंत निम्न कोटि के आसुरी अस्त्रों के प्रयोग पर उतर आई है|
मोदी जी स्वंय पुलवामा की घटना को अधिक से अधिक भुनाने के लिए आजकल झूठ के गोले पर गोले दाग रहे हैं तो उनके मंत्री और नेता विरोधियों पर तरह-तरह के व्यंग्य व खिल्ली बाण छोड़ते नजर आ रहे हैं| और इसमें सबसे मजेदार बात यह है कि अपनी इस नौटंकी के साथ ही साथ विरोधी पक्ष के नेताओं को ‘उपदेश’ भी कर रहे हैं कि तुम्हें यह नहीं कहना चाहिए अथवा यह नहीं करना चाहिए या तो बिल्कुल मौन ही रहना चाहिए, वगैरहा, वगैरहा|
पुलवामा घटना के बाद से मोदी जी की नई नौटंकी ‘सशस्त्र बलों के प्रति मोदी प्रेम’ से सी.आर.पी.एफ. के जवान व अधिकारी भी आश्चर्य चकित रह गये हैं| हवा सिंह सागवान नाम के एक पूर्व अधिकारी ने मोदी जी के ह्रदय में अचानक से उमड़ आए सशस्त्र बलों के प्रति इस अप्रत्याशित प्रेम से हतप्रभ होकर उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से एक खुला-खत भी लिख भेजा है, जो आजकल वायरल हो रहा है| इसके अतिरिक्त सशस्त्र बलों के कई अन्य लोगों ने भी मोदी जी की इस नई नौटंकी पर कई सवाल उठाए हैं| उनका कहना है कि मोदी सरकार के आने से पहले सेना में 15 वर्ष की नौकरी के बाद कोई भी व्यक्ति ‘स्वैच्छिक रिटायरमेंट’ ले सकता था और रिटायरमेंट के बाद उसे उसकी पूरी पेंशन तथा सस्ती कैंटीन सहित अन्य सुविधायें आजीवन मिलती थीं| किन्तु मोदी सरकार के आने के बाद से ना केवल उनकी अधिकांश सुविधायें समाप्त कर दी गई हैं बल्कि उनकी पैंशन में भी भारी कटौती कर ली गई है| सेना के लोगों ने बताया कि- मोदी सरकार ने अब एक कानून बना दिया है कि 25 वर्ष की सेवा से पूर्व रिटायरमेंट लेने वालों को OROP का फायदा नहीं मिलेगा तथा उनको पैंशन भी अब इस प्रकार मिलेगी- 15 वर्ष बाद 70 प्रतिशत, 20 वर्ष बाद 80 प्रतिशत तथा 25 वर्ष बाद जाकर पूरी पैंशन मिलेगी| उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि इस नए नियम के बाद मोदी-सरकार को कुछ सौ करोड़ रुपये साल की बचत जरुर होने लगी होगी, किन्तु मोदी जी शायद यह नहीं जानते कि इस महंगाई के जमाने में तो पूरी पैंशन में भी एक परिवार का पेट भरना आज कितना मुश्किल काम है और मोदी-सरकार हमारी पैंशन में भी कटौती कर रही है| यह देश के लिए अपनी जवानी का बलिदान कर देने वाले लोगों के साथ ‘एक धोखा’ है|
सी.आर.पी.एफ. के एक अधिकारी सांगवान ने मोदी जी से अपने पत्र में यह भी पूछा है कि जरा याद कर लें कि आतंकवादी मसहूद अजहर को पकिस्तान छोड़ कर कौन आया था, तब से लेकर अब तक वह एक हजार से ज्यादा जवानों की हत्या करवा चुका है|
‘सर्जिकल स्ट्राईक’ की निगरानी करने वाले पूर्व नार्दन आर्मी-कमांडर ले० जन० (रिटायर्ड) डी.एस.हुड्डा ने खुलासा किया है कि ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ से कुछ नहीं बदला है बल्कि इसके बाद से सुरक्षाबलों पर हमले और भी बढ़ गए हैं| उन्होंने बतया कि पिछले एक वर्ष में हमारे जितने जवान मारे गए हैं, वो पिछले दस वर्षों में सबसे ज्यादा हैं| उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में 583, 2015 में 405, 2016 में 469 तथा वर्ष 2017 में हमारे 971 जवान शहीद हुए थे, जबकि वर्ष 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 1432 तक जा पहुँचा है| इसके अतिरिक्त ‘आतंकी’ बनने वाले स्थानीय युवकों की संख्या में भी बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है|
‘साउथ एशियन टेररजिम पोर्टल’ ने भी मोदी जी द्वारा आतंकवादियों के खात्मे के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलते हुए खुलासा किया है कि मोदी जी के 2014 से 2018 तक के शासनकाल में कुल 876 आतंकवादी मारे गये हैं जबकि मनमोहन सिंह के दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान इस अनुपात से कहीं ज्यादा कुल 4239 आतंकी मारे गए थे|
और अब ‘सशस्त्र बलों के प्रति मोदी प्रेम’ की नई नौटंकी के नशे से उन्मत्त होकर उछल-कूद मचा रहे भक्तों व गद्दारों के लिए एक ‘नशा-तोड़’ समाचार यह भी है कि- आगामी 3 मार्च को सी.आर.पी.एफ. सहित देश के कई अन्य अर्ध सैनिक बलों के पूर्व जवान भी अपनी पेंशन की विसंगतियों को दूर कराने के लिए दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने आ रहे हैं|
मोदी जी का यह ड्रामा तो ना केवल फ्लॉप साबित होगा बल्कि इससे इन्हें चुनावों में भारी नुक्सान भी उठाना पड़ जाएगा| नुक्सान का प्रोग्राम अब शुरू हो गया है और धीरे-धीरे यह बढ़ता ही जाएगा|