कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले 36 घण्टे से धरने पर बैठी हैं। उन्होंने अपने धरने को संविधान बचाओ का नाम दिया है। उनकी लड़ाई शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई के निशाने पर आए कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने के लिए है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उच्चतम न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि उन्हें शारदा चिटफंड घोटाले की जांच में राजीव कुमार के खिलाफ पुख़्ता सबूत मिले हैं, लेकिन राजीव कुमार सीबीआई को सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई ने यह मांग रखी कि राजीव को पूछताछ के लिए उपलब्ध होने का आदेश दिया जाए लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजीव कुमार की रक्षा में खुलकर सामने आई हैं और उन्होंने मोदी सरकार और सीबीआई दोनो को अपने निशाने पर साधा है।
वे कोलकाता के मेट्रो स्टेशन के पास पिछले 36 घण्टे से मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हैं और वहीं से सरकारी कामकाज देख रही हैं। ममता की इस लड़ाई में विपक्ष की सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। सोमवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और डीएमके नेता कनिमोई भी ममता का साथ देने कोलकाता पहुंचे उन्होंने भी मोदी सरकार के खिलाफ जमकर बोला। सीबीआई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा CJI रंजन गोगोई ने कहा कि पहले सीबीआई इस बात का पुख्ता प्रमाण दे कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई है उसके बाद सुप्रीम कोर्ट इसके खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा। इसके साथ हो सीबीआई ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी तथा राजीव कुमार के खिलाफ अवमानना की अर्जी भी दाखिल की है। आज सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता तथा जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इसी बीच पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने भी बंगाल विवाद पर अपनी गोपनीय रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को सौंप दी है।