फ्रांस की राजधानी पेरिसमें तेल, पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने मुखौटे पहनकर कितनी ही इमारतों और वाहनों में आग लगा दी । फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वे किसी भी सूरत में हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। गौरतलब है कि तेल की कीमतों में पूर्वनियोजित योजना के तहत वृद्धि हुई थी। उन्होंने यह बात उस समय कही जब प्रदर्शकारी सब कुछ तहस-नहस करने पर तुले थे। ब्यूनस आयर्स के 20 सम्मेलन के दौरान हुए संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस प्रकार अधिकारियों पर हमले करने से व्यापार को रोक देने से अर्क टू ट्रॉन्फ का उल्लंघन करने से किसी भी बात का कोई हल नहीं निकल सकता। ऐसा केवल वे लोग करते हैं जो बदलाव नहीं बल्कि अराजकता चाहते हैं। इसी बात को लेकर वहां के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार को बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई।
खबर के मुताबिक फ्रांस में यह प्रदर्शन पिछले तीन सप्ताह से जारी है। पहले सप्ताह इस प्रदर्शन में लगभग 113,000 लोगों ने भाग लिया, दूसरे सप्ताह 53000 लोग इसमें शामिल हुए और जबकि इस बार लगभग 36,500 लोग इसमें शामिल थे।। मंत्री क्रिस्टोफ कैस्टनर ने अपने ट्वीट में बताया कि लगभग 1500 उपद्रवी शान्तिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रही भीड़ में शामिल हुए और उन्होंने हिंसा शुरू कर दी। इस हिंसा में अभी तक 288 लोगों की गिरफ्तारी सामने आई है जबकि 100 से अधिक लोगों के घायल होने की खबरें आ रही हैं। देखना है कि फ्रांस अब इस परिस्थिति पर कैसे काबू पाता है और यह भी सच है कि हिंसा केवल वही लोग चाहते हैं जिन्हें समस्या या समाधान से कोई लेना देना नहीं होता बल्कि वे केवल भीड़ को भड़काना चाहते हैं।