पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देश में लॉकडाउन 5 के लगने की आशंका से लोगों में भय का माहौल है क्योंकि मौजूदा वक्त में 12 जून 2020 में आज पूरे देश में करोना के 2,86,579 मामले कंफर्म हो चुके हैं जिनमें लगभग आधे मामले 1,41,089 पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और इन में मरने वालों की संख्या 8,100 हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में हैं जिसको देखते हुए केंद्र सरकार वह कई राज्य सरकार लॉकडाउन बढ़ाने की सोच रही है। हर रोज लगभग देश में 10,000 नए कोरोना मामले आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन राठौर का कहना है कि लॉकडाउन में दी गई छूट से कोरोना मामलों के बढ़ने की गति में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हमारी मॉटैलटि रेट लगभग 3% है जो कि दूसरे देशों के मुकाबले काफी सही है। हिंदुस्तान कोरोना के मामले में अब तीसरे नंबर पर आ चुका है। जिसको देखते हुए लॉकडाउन 5 लगाना बड़ा जरूरी हो चुका है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस पर बड़ी गंभीरता से सोच रहे हैं।
महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर इसी तरह कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो यह स्थिति कुछ ही सत्रमय में विस्फोटक हो जाएगी। इसलिए वह लॉकडाउन 5 को लागू करने की सोच रहे हैं। यह बात उन्होंने अपनी क्षेत्रीय भाषा मराठी में कही। फिलहाल अभी महाराष्ट्र में शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल नहीं खोले गए हैं फिर भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले पाए गए हैं। इस समय 12 जून 2020 को महाराष्ट्र में कोरोना के कुल मामले 94,000 हो चुके हैं। जिनमें से 44,500 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और मरने वालों की संख्या 3438 हो चुकी है। महाराष्ट्र में कोरोना से हुई मृत्यु दर 3.50 प्रतिशत के करीब है जो कि बहुत ज्यादा है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों में कोई भी राज्य सरकार ढील नहीं दे सकती पर उनके दिए गए दिशा-निर्देशों में सख्ती जरूर कर सकती है।
केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को मानते हुए उद्धव ठाकरे जी ने लॉकडाउन 5 को लागू करने का मन बना लिया है और इस विस्फोटक स्थिति से बचने के लिए लॉकडाउन का फैसला ले सकते हैं और अब यह लॉकडाउन कितने दिनों का होगा और इसका क्या स्वरूप होगा इस पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहां पर 12 जून 2020 के सरकारी आंकड़े के अनुसार दिल्ली में कोरोना वायरस की संख्या 32,800 हो चुकी है। जिनमें से 12,245 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। 984 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि लगभग 30 जून को दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या 1,00,000के करीब पहुंचने की संभावना है और 15 जुलाई तक इनकी संख्या 2,25,000 हो सकती है | 31 जुलाई तक इनकी संख्या 5,32,000 होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई तक उन्हें डेढ़ लाख बेड की जरूरत पड़ सकती है। और मौजूदा स्थिति यह है कि दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए अभी सिर्फ 6000 बेड की व्यवस्था है। इसलिए लॉकडाउन लगाना अति आवश्यक है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अब हमें सीखना पड़ेगा कि इस वायरस के साथ कैसे जीना है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुप्रीडेंट बलविंदर सिंह ने भी कहा है कि लॉकडाउन लगाना बहुत जरूरी है। क्योंकि पूरे देश में कोरोना वायरस एक विस्फोटक स्थिति ले चुका है।
लॉकडाउन और कोरोना वायरस से परेशान जनता आर्थिक संकट में
करोना के बढ़ते मामलों के कारण देश की जनता आर्थिक संकट की मार झेल रही है। जहां पर सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों से भी उसको कोई खास राहत नहीं मिल रही है और बेरोजगारी की दर भी बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा इस समय मिडिल क्लास और गरीब जनता परेशान हो रही है।