15 साल बाद आखिर इस बार कांग्रेस को छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापिस आने का मौका मिल ही गया लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि आखिर इस बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर आएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से 68 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज करवाई है जो अपने आप में एक बड़ी जीत है। 11 दिसम्बर को आए चुनावी परिणाम के बाद ही कांग्रेस में सनसनी जारी है । अब तक इस रेस में जो तीन नाम सबसे आगे हैं वो हैं- भूपेश बघेल, टी.एस सिंह देव तथा ताम्रध्वज साहू।कल यानी शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने दिल्ली कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की। गौरतलब है कि आज शाम चार बजे रायगढ़ के कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दलों की बैठक में इस बात पर फैसला लिया जाएगा। दिल्ली में हुई बैठक के बाद भूपेश बघेल और टी.एस.सिंह देव दोनो ने इस बात पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें आलाकमान के फैसले पर पूरा विश्वास है और अब इस फैसले को लेने में ज्यादा देर मुनासिब नहीं। इसके साथ ही किसानों की कर्ज़ माफी को लेकर जिस प्रकार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिल में जगह बनाई इस बात पर विचार व्यक्त करते हुए राहुल गांधी जी ने कहा कि सरकार के गठन के 10 दिन के भीतर ही किसानों की कर्ज मुक्ति के फैसले पर मोहर लगा दी जाएगी। कांग्रेस को विभिन्न राज्यों में सीएम पद की दावेदारी पर फैसला लेने के लिए बड़ी जद्दोजहद से गुजरना पड़ा। कई बैठकों के बाद ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा हो पाई क्योंकि इस रेस में एक साथ कई लोग शामिल थे। मध्यप्रदेश में जहां कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया आगे चल रहे थे तो राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों के बीच भी खींचातानी दिखाई दी और आपसी सहमति से मध्यप्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तथा राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री
तथा सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाकर समर्थकों को शांत किया गया। अब छत्तीसगढ़ में क्या फैसला लिया जाएगा यह देखना बाकी है।