क्या इसी को ही विशेष दिन कहते है ?

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kya isee ko hee vishesh din kahate hai

देश-दुनिया का ये ही हाल है, कि जब कोई विशेष दिन होता है उस दौरान एक अभिनेता को चुना जाता है और उस विशेष दिन वाले टॉपिक पर थीम से संबंधित गतिविधियों करवाकर डायलॉग बोल कर एक छोटी क्लिप तैयार करके टीवी, इंटरनेट के जरिये जन जन तक पहुंचाई जाती है| क्या इसी को ही विशेष दिन कहते है ?

कौन कितना स्वार्थी
क्या आप को ये नहीं लगता कि इन विशेष दिन को मानाने की आड़ में सियासतदान अपना ही पेट भरते है| क्लिप बनाने का, बैनर, होल्डिंग, न्यूज़ पेपर में ऐड देने का ठेका दिया जाता है ठेका देने वाले, बनाने वाले और क्लिप बनाने वाले अभिनेता और उनके क्रू मेंबर सब पैसा ले जाते है फिर टीवी चैनल वाले अपना पेट भरते है इस तरह इंसान को सिर्फ और सिर्फ पैसा ही दिखता है| चाहे किसी की जिंदगी नर्क जैसी क्यों ना हो जाये|

क्यों हुआ इजाफा

मैं बात कर रहा हूँ उन विशेष दिनों की जो सिर्फ दिखावे के लिए उसी दिन ही मनाये जाते है जैसे ब्लड डोनेट डे , योग डे,ड्रग डे, हिंदी डे, आर्मी डे, वीमेन डे, Environment डे इत्यादि| देश के सामने जो गंभीर समस्या है वो नशे की समस्या है जिस से लाखो परिवार तब्हा हो रहे है| वैसे तो पुरे भारत में इसका प्रचनल बहुत बढ़ गया है पर पंजाब की नौजवान पीढ़ी का आकड़ा सब से ज्यादा है| पुराने समय में इंसान सिर्फ शराब, बीड़ी सिगरेट और भांग का नशा करते थे पर जैसे जैसे देश आधुनिक टेक्नॉलजी की तरफ बढ़ रहा है वैसे-वैसे नशा भी उतनी तेजी से बढ़ता जा रहा है और नशा करने वालो की गिनती में लगातार इजाफा हो रहा है | हर रोज ख़बरों में किसी न किसी नौजवान की नशे से मौत की खबर आती है| नशा करने वालो में युवा महिलाओं की गिनती  भी बढ़ती जा रही है|

नशा करने के तरीके
पुराने समय में नशा आमिर लोगो का शोक हुआ करता था और आम आदमी की पहुँच से बहार होता था| लेकिन आज नशा करने वालो की लगातार बढ़ोतरी का कारण नए नए तरीके इजाद होना है| टेबलेट, इंजेक्शन, सिरप, जैसे मेडीकल नशे वैसे तो ये दवा के रूप में काम आती है लेकिन उसकी ओवरडोस नशे का रूप बन जाती है और इनको लेना बड़ा आसान है| BP की दवा, खांसी की दवा, स्ट्रेस को दूर करने की दवा, नींद की दवा ये सब दवाइया हर मेडिकल से बड़ी आसानी से मिल जाती है इसलिए इस की लगतार बढ़ोतरी हो रही है|

रोकने के प्रयास

इसको रोकने के लिए सिर्फ एक दिन ही काफी नहीं है इसके लिए समय समय पर जागरूकता अभियान चलाते रहने चाहिए| सरकार भी इसको रोकने में तभी सफल हो सकती है अगर आमजन,मेडिकल वाले और सभी लोग इसमें साथ दें| तभी नशे को भारत से जड़ से खत्म किया जा सकता है|

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