2016 से दुबई इलाज के लिए रह रहे पाकिस्तान के पूर्व सेनापति और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ को पकिस्तान की एक विशेष अदालत ने देश द्रोही करार ठहराते हुए मौत की सजा का एलान किया है | जो की परवेज मुशर्रफ़ के लिए बहुत ही निराशाजनक है | पेशावर हाई कोर्ट के मुख्या न्यायधीश वकार अहमद सेठ की अगुवाही में तीन सदस्य वाली कमेटी के निर्णय से परवेज मुशर्रफ़ को देश द्रोही घोषित कर मंगलवार को फांसी की सजा सूना दी |
जनरल से असैनिक राष्ट्रपति तक का सफर
परवेज मुशर्रफ 1997 में पाकिस्तान सेना के सेना प्रमुख बने और सेना की कमान को सम्भाला | अक्टूबर 1999 में सेना विरोध विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया पकिस्तान में इतना दबदबा बना रखा था कि जून 2001 में खुद को सेना प्रमुख रहते हुए राष्ट्रपति घोषित किया | नवंबर 2007 में पाकिस्तान के असैनिक राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाला 11 अगस्त 2008 को संसद से इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया 18 अगस्त 2008 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया|
देशद्रोही और गैरकानूनी का केस दर्ज
3 नवंबर 2007 से आपातकाल लागु करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था | पाकिस्तान देश में इमरजेंसी लगाने व देशद्रोही और गैरकानूनी कामों के तहत जुर्म करने से हाई कोर्ट में केस दर्ज हुआ | दिसंबर 2013 में मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया मुशर्रफ के केस कि सुनवाई धीमी गति से होने पर 2016 में वो देश छोड़ विदेश सयुक्त अरब अमीरात में जा बसा था | विशेष अदालत ने 19 नवंबर को पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था और फैसला सुनाने कि तरीक 28 नवंबर मुकर्रर कि थी सुनवाई कि तरीक आगे करते हुए 17 दिसंबर को सजा ए मौत का एलान किया | दुनियां में पहली बार किसी विधायक पद पर बैठे व्यक्ति को फांसी की सजा दी गई है |