ऑस्ट्रेलिया के वनों में लगी भीषण आग में करोड़ों वन्यजीव जलकर खाक हो गए हैं। अभी तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों बेघर भी हो चुके हैं। मगर लाखों हेक्टेयर जंगलों में लगी आग में बड़ी संख्या में वन्यजीवों की मौत ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। उच्च तापमान और गर्म हवाओं के कारण फैल रही है दावानल | आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और नई साउथ वेल्स के तटीय इलाकों में सबसे ज्यादा फैली हुई है। विक्टोरिया का हाल सबसे ज्यादा भयावह है।
करना पड़ना दिक्क्तों का सामना
शनिवार को तेज हुई हवा ने आग को और भड़का दिया है। बढ़े तापमान और गर्म हवा के चलते अग्निशमन दल को आग बुझाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर तापमान 45 डिग्री तक बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार हवा का रुख आग को फैलने में सहायता कर रहा है और इससे उठने वाला धुआं बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है।
दावानल ने ली करोड़ों बेजुबानों की जान
आग की वजह से करोड़ों बेजुबान राख का ढेर बन गए हैं और जो किसी तरह बचे भी हैं, उनकी आंखों में डर साफ तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि अग्निशमन विभाग और स्थानीय लोग ऐसे में इन मासूमों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल कोआला, कंगारुओं समेत अन्य वन्य जीवों की तस्वीरें आपको भावुक कर देंगी।
एक अनुमान के मुताबिक इन जंगलों में एक हेक्टेयर में औसतन 17.5 स्तनधारी पशु, 20.7 पक्षी और 129.5 सरीसृप थे। जबकि न्यू साउथ वेल्स में ही तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर खाक हो गए। इसे अगर पशु-पक्षियों की संख्या से गुणा करें तो यह आंकड़ा करीब 50 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
आग से न्यूजीलैंड भी हुआ प्रभावित
नुकसान की बात करें तो अकेले ऑस्ट्रेलिया में 8 हजार से ज्यादा कोआला की मौत हो गई। इस आग से न्यूजीलैंड में भी काफी नुकसान हुआ है। करोड़ों पशुओं ने अपनी जान बचाने की भरसक कोशिश की। उन्होंने शहर की तरफ भागने का भी प्रयास किया, लेकिन अधिकतर वहां लगी कंटीली तारों में ही उलझकर रह गए और आग में जिंदा ही झुलस गए।आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टरों से पानी भी बरसाया जा रहा है, लेकिन बारिश न होने की वजह से मुश्किलें हो रही हैं।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने रद्द की भारत यात्रा
जंगल की भयंकर आग को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने 13 जनवरी से शुरू होने वाली अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा शनिवार को रद्द कर दी। हालांकि प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि वह आगामी महीनों में सही समय पर एक बार फिर से यात्रा की तारीख तय करेंगे। एक बयान में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा देश इस वक्त देश भर में फैली भीषण जंगल की आग संकट से जूझ रहा है। इस मुश्किल घड़ी में हमारी सरकार का पूरा ध्यान ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की मदद करने पर केंद्रित है। कई लोग फिलहाल आग के खतरे का सामना कर रहे हैं और कई लोग इससे उबर चुके हैं।