छाये संकट के बदल- कांग्रेस पार्टी

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जब से देश में लोकसभा चुनाव हुए हैं तब से कांग्रेस पर संकट के बादल छाए हुए हैं। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हर तरह से हार मिली और बहुमत सरकार बीजेपी ने पुरे देश में अपने झंडे गाड़ दिए | लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस में उथल पुथल हो रही है इस्तीफों का दौर बरदसतूर जारी है | कांग्रेस के लोकसभा के ख़राब प्रदर्शन के कारण UP कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर, कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख एच के पाटिल, ओडिशा कांग्रेस प्रमुख निरंजन पटनायक और अन्य शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से अपना पल्ला झाड़ लिया और पद से इस्तीफा दे दिया | ये सिलसिला यही नहीं रुका बल्कि लगातार जारी चल रहा है।

इस्तीफे लगातार जारी

कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसकी वजह से कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओ में चिंता बानी हुई है कुछ कार्यकर्त्ता अब वो पद लेने की होड़ में लग गए है | पिछले दिनों दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में कांग्रेस के विधायक भी बागी हो गए जिसकी वजह से भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा| कर्नाटक के CM कुमार स्वामी ने आपात बैठक बुलाई | कांग्रेस कार्यकर्ता इन सब के पीछे बीजेपी पर आरोप लगा रहे है कि इन्होने कुर्सी और पैसे का लालच देकर विधायकों को कांग्रेस के विरोध में लेकर खड़ा कर दिया |

उधर BJP भी इस ताक में है कि 3-4 विधायक अगर और इस्तीफा देते है तो वो अपनी पार्टी बनाने का दावा करेंगे | अभी आये दिन कर्नाटक में ये कशमकश चल रही है | पंजाब के राज्य मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भी कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे हैं क्योकि लोकसभा चुनावों के लिए एक तो उनको टिकट नहीं मिली थी दूसरा उनका विभाग तब्दील कर दिया गया था | इसके लिए वो राहुल गाँधी से मिलने दिल्ली भी गए थे पर उनको बिना मिले ही वापिस लौटना पड़ा और उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया जिस कि जानकारी उन्होंने ट्वीट के जरिये दी | लोगों में ये चर्चा चल रही है कि नवजोत सिंह सिद्धू भी कांग्रेस का पला छोड़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

गुजरात भी नमो नमो

गुजरात राज्य के पूर्व कांग्रेसी नेता अल्पेश ठाकुर और धवल सिंह झाला भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं | यह भी माना जा रहा है की अल्पेश ठाकुर को बीजेपी गुजरात सरकार में किसी मंत्री के पद को भी सौंपा जा सकता है।

दिल्ली में कांग्रेस का हाल

देश कि राजधानी दिल्ली कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी कांग्रेस पार्टी से नाराज दिख रही हैं। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी और आप पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़े थे जिसका शीला दीक्षित ने विरोध किया था। शीला दीक्षित कांग्रेस पार्टी का कोई भी फैसला लेते हैं पीसी चाको उसका विरोध करते हैं। जिसकी वजह से इन दोनों के बीच मतभेद चल रहा है जो कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए विधानसभा चुनावों में नुकसान का सूचक है । पीसी चाको का कहना है कि कांग्रेस में विधानसभा चुनावों से पहले ही गुटबाजी चल रही है जिसकी शिकायत व आलाकमान को करेंगे। लोकसभा चुनावो में अन्य राज्यों कि बजाये दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक रहा था जिसकी वजह से विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। उनके अंदर चिंता का विषय ये भी चल रहा है कि कही आपसी मतभेद लोगो का रुख बीजेपी की तरफ ना हो जाये जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़े|

इस तरह चारो तरफ से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में आपसी खींचा तान चल रही है| इस सारी उत्तल पुथल से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है| कही ऐसा ना हो की देश में सिर्फ बीजेपी ही रह जाये|

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