छत्तीसगढ़ गढ़ समेत उन राज्यों ने बन्द की आयुष्मान जहां सत्ता में भाजपा नहीं।

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chhatteesagadh gadh

जहां मोदी सरकार यह दावा करती आई है कि आयुष्मान योजना सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, उस योजना को कई राज्यों में नकार दिया गया है। ये वही राज्य हैं,
जहा सत्ता में भाजपा नहीं है। जिस योजना को सबसे पहले छत्तीसगढ़ में शुरू किया गया था, वहां कांग्रेस के सत्ता में आते ही इसे बंद कर दिया गया। दिल्ली, केरल, उड़ीसा और तेलंगाना इसे पहले ही लागू करने से इनकार कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ से पहले पश्चिम बंगाल में भी इस योजना को बंद करने का फैसला किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव जी ने इसे दूषित योजना करार देते हुए कहा कि इस योजना में 100 से अधिक बीमारियों के लिए इलाज़ का कोई प्रावधान ही नहीं है। इसके बाद इस योजना पर होने वाले खर्च का 40 प्रतिशत राज्य सरकार को वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर राज्य आयुष्मान योजना को बंद कर यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम शुरू करे तो उसी बजट में कहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल सकती हैं और यह योजना कुछ गिने-चुने लोगों के लिए नहीं बल्कि वन फ़ॉर आल होगी। वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना मानते हैं और राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के 57.14 लाख परिवारों में से केवल 37.29 लाख परिवारों को ही इस योजना में शामिल किया गया। राज्य के सभी डॉक्टरों ने भी इस योजना का पुरजोर विरोध किया है और पिछले कई महिनों से इस योजना के तहत इलाज़ का काम बंद किया हुआ है। कांग्रेस पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुड़े छत्तीसगढ़ अस्पताल के बोर्ड अध्यक्ष डॉ.राकेश गुप्ता का भी मानना है कि आयुष्मान योजना के लिए डाले गए सॉफ्टवेयर आपत्तिजनक थे जिनके तहत मरीज की कई स्थितियों तसवीरें डालने का प्रावधान था जिससे मरीजों के निजता के अधिकार का हनन होने का अंदेशा था और इलाज पर हुए खर्च की तुलना में केवल 40 प्रतिशत चिकित्सा पैकेज का प्रावधान था, जिसमें बेहतर इलाज संभव ही नहीं था। इन सभी बातों का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस जिस यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का दावा कर रही है, वो तो राज्य में पहले से ही लागू है। रमन सिंह चाहे कुछ भी कहें लेकिन कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में इस योजना को छत्तीसगढ़ में बंद करने का फैसला ले लिया है। अब देखना यह है कि जिस यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का कांग्रेस दावा कर रही है, वो कितनी सफल सिद्ध होती है।

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