कल बी.बी.सी. की वेबसाइट पर इसकी ‘फैक्ट चैकिंग टीम’ ने एक खुलासा किया है कि इण्डिया में आजकल गूगल की दो तस्वीरें दिखा कर जो यह दावा किया जा रहा है कि यहाँ इण्डियन एयर फोर्स के अटैक में जैश का ट्रेनिंग सैंटर ध्वस्त हो गया है- यह ठीक नहीं है|
बी.बी.सी. की FCT (फैक्ट चैकिंग टीम) ने बताया है कि जिस बिल्डिंग पर ‘जैश का मदरसा व ट्रेनिंग सैंटर’ लिखा दिखाया जा रहा है, वह बिल्डिंग मदरसा व ट्रेनिंग सैंटर नहीं है तथा इस पर जो यह लिखा दिखाया जा रहा है, वो गूगल द्वारा नहीं लिखा गया है बल्कि यह तो गूगल द्वारा दी गई एक सुविधा का फायदा उठा कर किसी व्यक्ति ने इस पर स्वंय लिख दिया है| दरअसल गूगल ने अपनी वेबसाइट पर यह सुविधा दी हुई है कि जिस बिल्डिंग या जगह पर गूगल ने नाम नहीं डाला हुआ है, वहाँ एक पिन के माध्यम से आप वहां का नाम डाल सकते हैं| इस सुविधा का लाभ उठा कर बहुत से होटल मालिकों ने अपने-अपने होटल के अंदर की कुछ फोटोग्राफ्स भी अपने नाम के साथ कनेक्ट करके दिए हैं| इसी प्रकार कुछ लोगों ने अपने-अपने फार्म-हाउसेज या घरों की बिल्डिंग पर भी अपने-अपने नाम पते डाल रखे हैं|
बी.बी.सी की FCT ने बताया है कि ठीक इसी प्रकार खैबर पख्तूनखवा बालाकोट की एक अन्य बिल्डिंग पर नाम डाल कर उसे जैश का ट्रेनिंग सैंटर व मदरसा बताया जा रहा है तथा दूसरी बिल्डिंग जिसे बमबारी के बाद की फोटो बताई जा रही है, वह भी किसी निर्माणाधीन बिल्डिंग की फोटो है, यह फोटो भी इण्डियन एयर फोर्स के बम अटैक से ध्वस्त हुई किसी बिल्डिंग की फोटो नहीं है|
इसके अतिरिक्त ‘जूम अर्थ’ वेबसाइट के संस्थापक पाल नीव ने भी खुलासा किया है कि यह दूसरी वाली फोटो हमारी वेबसाइट से ली गई है तथा यह वर्षों पुरानी तस्वीर है| इसका एयर स्ट्राइक से कोई लेना-देना नहीं है| इन ‘फेक-फोटोज’ की शुरुआत भाजपा के नवादा (बिहार) से सांसद गिरिराज सिंह ने की हैं| गिरिराज सिंह ने ‘एयरस्ट्राइक’ के सबूत मांगने वाले नेताओं का मुँह बंद करने के लिए यह तस्वीरें कुछ इस अंदाज में पेश की हैं मानों झूठे नेताओं के मुँह पर सच्चाई का कोई टेप चिपका रहे हों-
गिरिराज सिंह इससे पहले भी अपने गर्म व धमकी भरे बयानों से विरोधियों को डराते धमकाते रहे हैं| गिरिराज सिंह ने मोदी जी के विरोध में मुँह खोलने वाले कितने ही व्यक्तियों व नेताओं को पकिस्तान जाकर बसने की सलाह भी दी थी| गिरिराज सिंह एक पूरे ‘मख्खन बाज’ आदमी हैं और अपनी इसी खूबी के कारण आज वो मोदी जी की कैबिनेट में एक मंत्री भी बने हुए हैं| मोदी जी ने इसीलिए शायद यह ‘फेक फोटोज’ सर्कुलेट करने का प्रोग्राम गिरिराज सिंह को दिया था|
उधर ‘राफेल’ के मामले में भी मोदी सरकार के ‘एटार्नी जरनल’ वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राफेल की जांच की बजाय ‘दि हिन्दू’ अखबार के खिलाफ कार्यवाई होनी चाहिए| इनसे यह भी पूछा जाना चाहिए कि इन्हें ‘राफेल’ मामले की ऐसी जानकारियाँ कहाँ से मिली हैं, जो केवल रक्षा मंत्रालय से गुम हो गई फाईलों में थीं| इस पर ‘दि हिन्दू’ अखबार के एन. राम ने कहा है कि- हमें कोई भी डरा नहीं सकता है| यह पूरी जानकारी हमने राष्ट्रहित में प्रकाशित की है| किसी भी पत्रकार से उसके ‘सूत्रों’ के बारे में जानकारी जबरन नहीं माँगी जा सकती| स्वतंत्र-भारत के इतिहास में आज तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ है| एन.राम इण्डिया के एक वरिष्ठ व निर्भीक पत्रकार हैं तथा बोफोर्स तोप सौदे के बारे में लिखने पर भी उन पर ऐसे ही कई आरोप पहले भी लगते रहे हैं- किन्तु एन.राम ने अपनी सच्चाई व निर्भीकता से सदैव ही ‘पत्रकारिता’ शब्द का गौरव बढ़ाया है|
-सुनन्दा पी तंवर
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता
लंदन, यू,के