इस वर्ष यानी 2018 में रिलायंस ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के मालिक मुकेश अम्बानी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अलीबाबा के फाउंडर जैक मा को भी पछाड़ दिया है और इसके साथ ही एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति होने का सम्मान अपने नाम करवा लिया है। गौरतलब है कि एशिया में आर्थिक उथल-पुथल के चलते जहां सर्वाधिक अमीर 128 लोगों की सम्पत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई वहां मुकेश अम्बानी की सम्पत्ति में 4 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। इस वर्ष शेयर बाज़ार में हुई मंदी के कारण एशिया के 128 अरबपतियों को जोरदार झटका लगा और इन्हें लगभग 137 अरब की हानि उठानी पड़ी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में रैंकिंग की शुरूआत किए जाने के बाद पहली बार इन अरबपतियों की सम्पत्ति में इतनी गिरावट आई। इसके साथ ही 40 चीनी अरबपतियों में से दो तिहाई से अधिक की सम्पत्ति में गिरावट देखी गई। भारतीय धन कुबेरों को भी इस वर्ष 21 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।
दक्षिण कोरियाई अरबपति भी बाज़ार में आई इस उथल-पुथल से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए। यहां तक कि सैमसंग कम्पनी के मालिक को भी कुल सम्पत्ति के एक तिहाई का नुकसान हुआ। हांगकांग के अमीरों की बात करें तो इस अव्यवस्थिक दौर में जहां ली का-शिंग को 6 अरब डॉलर की हानि हुई तो ली शाऊ को 3.3 अरब के नुकसान हुआ। ऐसा नहीं है कि इस वर्ष सबको मंदी का ही सामना करना पड़ा बल्कि कुछ अरबपति ऐसे भी हैं जिनके लिए यह साल फायदेमंद रहा। जिनमें स्मार्टफोन मेकर श्योओमी कॉर्प के लुई जुन को 8.7अरब डॉलर का फायदा हुआ। इसके साथ ही जापान के तादाशी यानाई को भी 6.3 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ। कुछ भी हो मुकेश अम्बानी ने इस दौड़ में सबसे आगे रहकर अपना ही नहीं बल्कि भारत का नाम भी चमका दिया है।