पूरे वर्ष फ़िल्म प्रेमी नवम्बर के महीने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। एक तो इस लिए कि इस महीने में अधिक छुट्टियां होने के कारण वे आराम से थियेटर जाकर बड़े मजे से अपने पसंदीदा सितारों को फिल्में देख पाते हैं, दूसरे इसलिए कि बॉलीवुड के किंग स्टार दिवाली के मौके पर वर्ष को सबसे बेहतरीन फ़िल्म दर्शकों के लिए लेकर आते हैं। जिसकी प्रमोशन की तैयारियां बहुत पहले से शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस बार ना केवल दर्शकों की उम्मीदों पर पानी पड़ा है बल्कि आमिर खान जैसे स्टार भी “ठग्स ऑफ हिंदुस्तान” की नाकामयाबी पर माफी मांगते नज़र आए। 200 करोड़ के बजट से बनी आमिर और अमिताभ की जोड़ी भी दर्शकों को खींच पाने में नाकाम साबित हुई। जिस प्रकार इस फ़िल्म को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी वो सभी निरर्थक सिद्ध हुई, खुद आमिर खान ने सामने आकर फ़िल्म की असफलता की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। ऐसा ही कुछ हाल प्रभुदेवा के निर्देशन में बनी फिल्म लुप्त का भी रहा। लुप्त कब रिलीज़ हुई और कब बिना कोई कमाल दिखाए लुप्त हो गई पता ही नहीं चला। डांस के जादूगर का जादू इस बार दर्शकों पर चढ़ ही नहीं पाया। सन्नी दयोल की विवादित रही फ़िल्म मोहल्ला अस्सी भी कोई खास करिश्मा नहीं कर पाई।
पहलाज निहलानी और गोविंदा की फ़िल्म रंगीला राजा को पहले ही सेंसर बोर्ड ने काट कर रख दिया था । होटल मिलन और भइया जी सुपरस्टार जैसी छोटी फिल्मों से तो वैसे ट्रेड विशेषज्ञों कोई कोई खास उम्मीद नहीं होती। जहां साल की शुरुआत पद्मावत जैसे धमाकेदार फ़िल्म के साथ हुई जो विवादों में घिरे रहने के बाद भी दर्शकों को हैरान और मंत्रमुग्ध कर गई, वहीं नवम्बर महीने में रिलीज़ हुई सभी फ़िल्मों ने उन्हें निराश भी कर दिया।