अब से पहले बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह राजनीति के चाणक्य कहे जाते हैं लेकिन इस बार उनकी चाणक्य नीति कामयाब नहीं हो सकी बताया जा रहा है कि शनिवार को सुबह सूर्य उदय से पहले देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को शपथ दिलाने के पीछे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चाणक्य के नीति थी। लेकिन इनकी यह चाणक्य नीति महाराष्ट्र में कामयाबी हासिल नहीं कर पाई आज इसका उदाहरण महाराष्ट्र की राजनीति में दिखाई दे रहा है। महज 3 दिनों में ही ऐसी बाजी पलटी कि महाराष्ट्र के ताजा बने सीएम को मंगलवार सुबह इस्तीफा देना पड़ गया बहुमत को साबित करने तक के वक्त का इन्तजार नहीं किया | एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना ने मिलकर 162 विधायकों की गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश किया और वह सफल भी हुआ जिसके कारण महाराष्ट्र में दोबारा मुख्यमंत्री की शपथ समारोह अब उद्धव ठाकरे के नाम होगा। इसमे एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार की अहम भूमिका रही उनका यहाँ 50 साल के राजनीतिक जीवन का अनुभव साफ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अपने साथ मिलाकर कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना की एक गठबंधन सरकार बना ली। एनसीपी से जुदा होकर बीजेपी को समर्थन देने वाले भतीजे अजीत पवार को महज 78 घंटे में कुर्सी से नीचे उतार दिया अब अजित पवार ना एनसीपी के रहे ना उन्हें कुर्सी का स्वाद मिला । हालांकि कुर्सी मिलने के बाद भतीजे अजीत पवार ने यह कहा था कि मैं एनसीपी पार्टी का नेता हूं और शरद पवार हमारे अध्यक्ष हैं, लेकिन शरद पंवार इस बात से सहमत नहीं हुए |
ट्रीइडेंट होटल में हुआ फैंसला
देवेंद्र फड़नीस के इस्तीफे के बाद अब नई सरकार के गठन का रास्ता स्पष्ट हो गया है आज शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की ट्रिडेंट होटल में सभी विधायकों की बैठक हो रही है जिसमें विधायको के प्रमुख नेता कौन होगा इसका फ़ैसला लिया गया। इस बैठक में तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर सारी नियम एवं शर्तें तय हो गई जिसके बाद उद्धव ठाकरे को विधायकों का प्रमुख यानि मुख्यमंत्री चुना गया जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर किया है। जिसे स्वीकार कर 1 दिसंबर को शपथ दिलाने का दिन निर्धारित किया |
राजनीती ड्रामे पर हुईं टिप्पणियां
अब जैसे ही फडणवीस की सरकार गिर गई है तो यह राजनीतिक ड्रामा ने सिर उठा लिया है | तरह तरह की टिप्पणियां सोशल मीडिया पर वायरल होने लग गयी ‘चाचा चाणक्य अब कौन’ ‘क्लीन बोल्ड’ इत्यादि| एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बीजेपी के शीर्ष नेता नितिन गडकरी को क्रिकेट खेल की फब्तियां देते हुए बताया कि बीजेपी भूल गई थी कि शरद पवार किसी जमाने में आई सी सी के अध्यक्ष रह चुके हैं क्लीन बोल्ड करना तो इनके बाएं हाथ का काम है क्रिकेट और राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। कुमार विश्वास ने कहा, ‘हर चाचा शिवपाल नहीं होता अजित बाबू’ |फडणवीस के इस्तीफे पर अखिलेश का ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भोर की भूल’ वाले भी दें इस्तीफा
फ्लोर टेस्ट का नहीं किया इन्तजार
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि 30 नवंबर तक देवेंद्र फडणवीस विधायकों की बहुमत का दावा पेश करेंगे फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था लेकिन फडणवीस ने उस दिन का इंतजार किए बिना ही इस्तीफा दे दिया | मीडिया के सामने इस्तीफे की घोषणा के बाद राजभवन जाकर गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया इसके साथ डिप्टी सीएम अजीत कुमार ने भी इस्तीफा दिया मीडिया के रूबरू होने के बाद भी उन्होंने इस बात के लिए की क्या गलत हुआ या नहीं यह हम बाद में सोचेंगे कह कर टाल दिया।
फिर भी हुआ फायदा -अजीत पवार
अजीत पवार के लिए सब से ज्यादा फायदा उपमुख्यमंत्री बनाने का हुआ की महज 48 घंटे में पवार पर चल रहे 70 हजार करोड़ के घोटाले की क्लीन चिट भी मिल गयी |